अधिवक्ता एवं महाधिवक्ता में क्या अन्तर है?
अधिवक्ता वह व्यक्ति होता है जो न्यायालय में किसी अन्य व्यक्ति की ओर से पैरवी करता है, उसका पक्ष रखता है, उसकी ओर से उपस्थिति देता है और उसका प्रतिनिधित्व करता है।
अधिवक्ता ऐसा कोई भी व्यक्ति हो सकता है जो विधि स्नातक है तथा जिसका नाम विधिज्ञ परिषद् की अधिवक्ताओं की नामावली में दर्ज है।
जबकि संविधान के अनुच्छेद 165 के अन्तर्गत महाधिवक्ता (Advocate General) ऐसा व्यक्ति होता है जिसकी नियुक्ति रात्र के राज्ङ्खपाल द्वारा की जाती है। महाधिवक्ता के पद पर ऐसा व्यक्ति नियुक्त हो सकता है, जो उच्च न्यायालय का न्यायाधीश होने की पात्रता रखता हो।
महाधिवक्ता राज्यपाल के प्रसादपर्यन्त कार्य करता है तथा उसे राजकोष से पारिश्रमिक मिलता है। महाधिवक्ता का कार्य राज्य को विधि सम्बन्धी मामलों में राय देना तथा राज्रूपाल द्वारा समय-समय पर सौंपे गए कर्तव्यों का पालन करना है।
वरिष्ठ अधिवक्ता एवं महाधिवक्ता में अन्तर
वरिष्ठ अधिवक्ता एवं महाधिवक्ता में सामान्यतः वही अन्तर है जो अधिवक्ता एवं महाधिवक्ता में है।
महत्वपूर्ण लिंक
क्या कानून की पढ़ाई कठिन है? जाने प्रभावी ढंग से कानून का अध्ययन कैसे करें?
अपकृत्य के उपचार : न्यायिक एंव न्यायेत्तर उपचार | Remedies under Law of Torts
मुशा का सिद्धान्त, क्या मुशा का हिबा किया जा सकता है इसके अपवाद और हिबा का प्रतिसंहरण