जनहित याचिका (PIL) –
यह एक ऐसी याचिका या वाद है, जिसके माध्यम से पीड़ित पक्षकार स्वयं या अन्य कोई व्यक्ति या संस्था द्वारा उसकी ओर से न्यायालय के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश किया जा सकता है। लेकिन ऐसे मामले व्यापक जनहित वाले (public interest at large) होने आवश्यक है।
जनहित याचिका की इस प्रणाली ने पूर्व प्रचलित Locus standi (अधिकारिता) को बदल दिया। अब स्वतः संज्ञान के माध्यम से भी न्यायालय द्वारा (मीडिया रिपोर्टों, सोशल साइट्स आदि को आधार बनाकर) कार्यवाही की जाती है।
भारत के पूर्व न्यायाधीश पी.एन. भगवती को ‘जनहित याचिका का जनक’ माना जाता है।