वसीयत किसे कहते है? परिभाषा एंव आवश्यक तत्व | मुस्लिम विधि
परिचय – वसीयत (Will) हमारे समाज में सम्पत्ति के अन्तरण की अनेक रीतियाँ है जिनमे विक्रय, दान, विनिमय, वसीयत, हिबा आदि है, लेकिन इन सभी मे वसीयत द्वारा सम्पत्ति के अन्तरण की रीति भिन्न है। विक्रय, दान, विनिमय आदि में…
प्रत्याभूति की संविदा : परिभाषा एंव आवश्यक तत्व
प्रत्याभूति की संविदा की परिभाषा भारतीय संविदा अधिनिमय 1872 की धारा 126 में प्रत्याभूति की सविदा की परिभाषा दी गई है। इसके अनुसार – प्रत्याभूति की सविदा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा व्यतिक्रम की दशा में उसके वचन का पालन या उसके…
भागII – नागरिकता (अनुच्छेद5से11)
अनुच्छेद 5 – संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता – इस संविधान के प्रारंभ पर प्रत्येक व्यक्ति जिसका भारत के राज्य क्षेत्र में अधिवास है और – (क) जो भारत के राज्य क्षेत्र में जन्मा था, या (ख) जिसके माता या…
भाग 4 | राज्य के नीति निदेशक तत्त्व
भाग 4 – राज्य के नीति निदेशक (अनु. 36 से 51-A) अनुच्छेद परिभाषा – इस भाग में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, “राज्य” का वही अर्थ है जो भाग 3 में है। इस भाग में अंतर्विष्ट…
न्याय प्रशासन की परिभाषा
न्याय प्रशासन मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। सामाजिक प्राणी होने के कारण उसकी ईच्छा रहती है कि वह समाज में शांतिपूर्ण तरीके से अपना जीवन यापन करें तथा वह अपेक्षा करता है कि कोई अन्य व्यक्ति उसके शांतिपूर्ण जीवनयापन में…
विवाह-विच्छेद / तलाक के विभिन्न तरीके
तलाक के प्रकार हम सभी यह जानते है की मुस्लिम विधि में विवाह एक संविदा की तरह होता है क्योंकि इसमें संविदा के तत्व विद्यमान होते है| विवाह के उपरांत जब पति-पत्नी के आपस में विचारों के नहीं मिलने से…
भारत में जनहित याचिका का विकास
जनहित याचिका (PIL) – यह एक ऐसी याचिका या वाद है, जिसके माध्यम से पीड़ित पक्षकार स्वयं या अन्य कोई व्यक्ति या संस्था द्वारा उसकी ओर से न्यायालय के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश किया जा सकता है। लेकिन ऐसे मामले…
हिन्दू विधि के स्रोत कोन कोनसे है
हिन्दू विधि के स्रोत सुविधा के अनुसार हिन्दू विधि के स्रोत को दो भागों मै विभाजित किया गया है – (1) प्राचीन या मूल स्रोत (2) आधुनिक स्रोत हिन्दू विधि के प्राचीन स्रोत हिन्दू विधि के प्राचीन स्त्रोतों को भी…
संपरिवर्तन किसे कहते है | What is the Conversion or Trover in hindi – Tort Law
संपरिवर्तन का अर्थ – संपरिवर्तन का तात्पर्य है, जानबूझकर बिना किसी विधिक ओचित्य के किसी व्यक्ति के माल या वस्तु के साथ इस रीती से संव्यवहार करना की, अन्य व्यक्ति जो उस माल के तात्कालिक प्रयोग एंव आधिपत्य का अधिकारी…
मुस्लिम विधि के स्रोत | Sources Of Muslim Law In Hindi
मुस्लिम विधि के स्रोत | Sources Of Muslim Law In Hindi मुस्लिम कानून एक व्यक्तिगत कानून है जो केवल मुसलमानों पर लागू होता है। यह भारत में अदालतों द्वारा मुसलमानों पर सभी मामलों में नहीं, बल्कि केवल कुछ मामलों में ही…