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Law Blog

प्रत्याभूति की संविदा : परिभाषा एंव आवश्यक तत्व

प्रत्याभूति की संविदा की परिभाषा भारतीय संविदा अधिनिमय 1872 की धारा 126 में प्रत्याभूति की सविदा की परिभाषा दी गई है। इसके अनुसार – प्रत्याभूति की सविदा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा व्यतिक्रम की दशा में उसके वचन का पालन या उसके…

IPC

आईपीसी धारा 52 क्या है | Ipc Section 52 in Hindi

आईपीसी धारा 52 क्या है | Ipc Section 52 in Hindi धारा 52. “सद्भावपूर्वक” — कोई बातें “सद्भावपूर्वक की गई या विश्वास की गई नहीं कही जाती जो सम्यक् सतर्कता और ध्यान के बिना की गई या विश्वास की गई…

संविधान

भाग 3 : समता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से 18)

अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समता का अधिकार – राज्य, भारत के राज्यक्षेत्र में किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता से या विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा। अनुच्छेद 14 यह उपबन्धित करता है कि “भारत राज्यक्षेत्र…

संविधान

मंत्रि-परिषद् | अनुच्छेद 74 व 75

मंत्रि-परिषद् अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि-परिषद् – (1) राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रि-परिषद् होगी जिसका प्रधान, प्रधानमंत्री होगा और राष्ट्रपति अपने कृत्यों का प्रयोग करने में ऐसी सलाह के…

IPC

आईपीसी धारा 41 क्या है | Ipc Section 41 in Hindi

आईपीसी धारा 41 क्या है | Ipc Section 41 in Hindi धारा 41. “विशेष विधि” – “विशेष विधि” वह विधि है जो किसी विशिष्ट विषय को लागू हो।

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भागII – नागरिकता (अनुच्छेद5से11)

अनुच्छेद 5 – संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता – इस संविधान के प्रारंभ पर प्रत्येक व्यक्ति जिसका भारत के राज्य क्षेत्र में अधिवास है और – (क) जो भारत के राज्य क्षेत्र में जन्मा था, या (ख) जिसके माता या…

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भाग 4 | राज्य के नीति निदेशक तत्त्व

भाग 4 – राज्य के नीति निदेशक (अनु. 36 से 51-A) अनुच्छेद परिभाषा – इस भाग में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, “राज्य” का वही अर्थ है जो भाग 3 में है। इस भाग में अंतर्विष्ट…

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न्याय प्रशासन की परिभाषा

न्याय प्रशासन मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। सामाजिक प्राणी होने के कारण उसकी ईच्छा रहती है कि वह समाज में शांतिपूर्ण तरीके से अपना जीवन यापन करें तथा वह अपेक्षा करता है कि कोई अन्य व्यक्ति उसके शांतिपूर्ण जीवनयापन में…

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विवाह-विच्छेद / तलाक के विभिन्न तरीके

तलाक के प्रकार हम सभी यह जानते है की मुस्लिम विधि में विवाह एक संविदा की तरह होता है क्योंकि इसमें संविदा के तत्व विद्यमान होते है| विवाह के उपरांत जब पति-पत्नी के आपस में विचारों के नहीं मिलने से…

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भारत में जनहित याचिका का विकास

जनहित याचिका (PIL) – यह एक ऐसी याचिका या वाद है, जिसके माध्यम से पीड़ित पक्षकार स्वयं या अन्य कोई व्यक्ति या संस्था द्वारा उसकी ओर से न्यायालय के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश किया जा सकता है। लेकिन ऐसे मामले…