वृत्तिक अवचार क्या है?
विधि व्यवसायी द्वारा अपने व्यवसाय के प्रति निष्ठावान एवं ईमानदार नहीं रहना वृतिक अवचार माना जाता है।
अधिवक्ता द्वारा अपने कर्तव्य एंव दायितव्यों की घोर उपेक्षा वृतिक अवचार होता है, इसमें विधि व्यवसायी की नैतिक अधमता एवं नैतिक भ्रष्टता सम्मिलित है।
वृत्तिक अवचार के उदाहरण
(i) विधि व्यवसाय के साथ अन्य कोई व्यवसाय करना वृत्तिक अवचार है।
(ii) अधिवक्ताओं का हड़ताल पर जाना अथवा न्यायालयों का बहिष्कार करना वृत्तिक अवचार है।
(iii) अधिवक्ता द्वारा दोनों पक्षों की पैरवी करना वृत्तिक अवचार है।
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वृत्तिक सदाचार क्या है?
आसान शब्दों में विधि व्यवसायी द्वारा पूर्ण क्षमता, निष्ठा एवं ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना ही वृत्तिक सदाचार है।
विधि व्यवसाय के संदर्भ में वृतिक सदाचार वह लिखित या अलिखित संहिता है, जो विधि व्यवसायी के अपने प्रति, अपने पक्षकारों के प्रति, अपने विरोधी पक्ष के प्रति एवं न्यायालय के प्रति व्यवहार को संचालित करती है।
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