मूक न्यायालय क्या है?
मूक न्यायालय को आभासी या काल्पनिक न्यायालय भी कहा जाता है। इसका संचालन विधि के विद्यार्थियों द्वारा किसी काल्पनिक मामले को लेकर किया जाता है।
वस्तुतः यह किसी ममाले का नाटकीय प्रस्तुतीकरण होता है। वकील, मुवक्किल, साक्षी, न्यायिक अधिकारी आदि सभी पात्र काल्पनिक होते हैं।
मूक न्यायालय का उद्देश्य
मूट कोर्ट का उद्देश्य बेहद सरल और स्पष्ट होता है कि इसके माध्यम से छात्रों को अदालत में होने वाली कार्यवाही के बारें में पता चल सकें; नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से आप मूट कोर्ट के उद्देश्यों के बारें में जान सकते हैं;
- मूट कोर्ट का उद्देश्य कानून के छात्रों को एक ऐसा मंच देना हैं जहाँ से वह अदालत के बारें में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकें।
- छात्रों को मर्यादित भाषा में दलीलें देना सिखाना।
- मूट कोर्ट का उद्देश्य छात्रों में विश्वास के भाव को बढ़ाना है।
मूक न्यायालय का संचालन कहाँ एवं किसके द्वारा किया जाता है?
मूक न्यायालय का संचालन सामान्यतः विद्यालय, महाविद्यालय अथवा विश्वविद्यालय में विधि के प्राध्यापकों द्वारा किया जाता है। इसका संचालन सुविधानुसार अन्यत्र भी किया जा सकता है।
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