तलाक के प्रकार
हम सभी यह जानते है की मुस्लिम विधि में विवाह एक संविदा की तरह होता है क्योंकि इसमें संविदा के तत्व विद्यमान होते है| विवाह के उपरांत जब पति-पत्नी के आपस में विचारों के नहीं मिलने से वैवाहिक जीवन में आशांति उत्पन्न हो जाती है या अन्य किसी कारण से उनके मध्य वैवाहिक सम्बन्ध नहीं रहते है तथा पति-पत्नी अपने विवाह को समाप्त (विच्छेद) करते है तब वह विवाह विच्छेद यानि विवाह विघटन (Dissolution of marriage) कहलाता है|
विवाह विच्छेद की प्रथा लगभग सभी राष्ट्रों में किसी ना किसी रूप में प्रचलन में रही है और विवाह विच्छेद को दाम्पत्य अधिकारों का स्वाभाविक परिणाम समझा जाता है| इस्लाम के आरम्भ से पहले विवाह विच्छेद अत्यधिक आसान था तथा पति को असीमित अधिकार मिले हुए थे। लेकिन कालान्तर में मोहम्मद साहब ने इस व्यवस्था पर अंकुश लगाने का अथक प्रयास किया।