माल अतिचार की परिभाषा
माल अतिचार से तात्पर्य है – वादी के कब्जे के माल के साथ बिना किसी विधिक न्यायनुमत या औचित्य के भौतिक हस्ताक्षेप करना है तथा जंगम सम्पत्ति के प्रति अतिचार ऐसी सम्पत्ति के कब्जे में अनुचित हस्तक्षेप को कहा जाता है।
इसके विविध उदाहरण हो सकते है, जैसे – किसी की कार पर पत्थर फेंकना, चिड़ियों को गोली से दागना, पशुओ को पीटना या उनमें किसी प्रकार के रोग का संक्रमण कराना या पशुओं को इस प्रकार खदेड़ना ताकि वे अपने स्वामी के आधिपत्य से निकल कर भाग जाएं।
क्रोजियर बनाम कण्डे के प्रकरण में माल अतिचार को एक अवैधानिक कार्य माना गया है क्योंकि इसमें माल को पकड़कर या उसके स्थान हटाकर या सीधा नुकसान पहुँचा कर किसी की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है (1827) 6 बी. एण्ड सी. 232.
इसके अलावा घरेलू या पालतू जानवरों को हानि पहुँचाना, ऐसी वस्तुऐं यथा, गीला पैन्ट, मोम से निर्मित वस्तुएँ या संग्रहालय (Museum) में रखी हुई वस्तुओं को छुने मात्र से भी माल अतिचार का अपकृत्य हो जाता है तथा ऐसे मामलों में नुकसानी प्रत्यक्ष होनी चाहिये।
यदि नुकसानी प्रतिवादी की किसी भूल के परिणामस्वरूप हुई हो तो वह अतिचार के लिए दायी नहीं होगा, क्योंकि ऐसी दशा में किया गया कृत्य अनैच्छिक तथा आकस्मिक होता है ना कि जानबूझकर या असावधानी से।