इस आलेख में अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 23 में वर्णित पूर्व सुनवाई का अधिकार के बारें में बताया गया है|
पूर्व सुनवाई का अधिकार
पूर्व सुनवाई के अधिकार से तात्पर्य, न्यायालय में पहले सुनवाई का अधिकार से है। अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 23 में पूर्व सुनवाई के अधिकार का क्रम निर्धारित किया गया है|
अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 23 के अनुसार पूर्व सुनवाई का अधिकार –
(i) भारत के अटॉर्नी जनरल (महान्यायवादी) को अन्य सभी अधिवक्ताओं से पहले सुनवाई का अधिकार होगा।
(ii) उसके बाद भारत के सॉलिसिटर जनरल को अन्य सभी अधिवक्ताओं से पहले सुनवाई का अधिकार होगा।
(iii) उसके बाद भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल यानि द्वितीय अपर महासालिसीटर को अन्य सभी अधिवक्ताओं से पहले सुनवाई का अधिकार होगा।
(iv) उसके बाद भारत के दूसरे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को अन्य सभी अधिवक्ताओं की तुलना में पूर्वदर्शन का अधिकार प्राप्त होगी।
(v) उसके बाद किसी भी राज्य के महाधिवक्ता को अन्य सभी अधिवक्ताओं से पहले सुनवाई का अधिकार होगा और महाधिवक्ता के बीच पूर्व-दर्शक का अधिकार उनकी संबंधित वरिष्ठता द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
(vi उसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ताओं को अन्य अधिवक्ताओं की तुलना में पहले सुनवाई का अधिकार होगा।
(vii) और अन्त में अन्य अधिवक्ताओं को सुना जाएगा।
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