Law Blog

न्याय प्रशासन की परिभाषा

न्याय प्रशासन

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। सामाजिक प्राणी होने के कारण उसकी ईच्छा रहती है कि वह समाज में शांतिपूर्ण तरीके से अपना जीवन यापन करें तथा वह अपेक्षा करता है कि कोई अन्य व्यक्ति उसके शांतिपूर्ण जीवनयापन में किसी प्रकार का दखल ना करे| समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह उन नियमों व कानूनों के अनुसार अपना आचरण करें जिन्हें समाज या राज्य द्वारा बनाया जाता है|

यदि मनुष्य समाज द्वारा बनाये गए कानून का उल्लंघन करता है तब समाज का संतुलन बिगड़ने लगता है क्योंकि मनुष्य में तर्कबुद्धि होने के कारण वह अपने हित, अधिकार व इच्छाओं को प्राप्त करने लिए प्रयत्न करता है और ऐसा करने पर परस्पर टकराव और संघर्ष की स्थिति बन जाने के कारण समाज के मूल ढांचे के टूटने की आशंका बन जाती है और तब समाज के ढांचे को टूटने से बचाने के लिए न्याय प्रशासन की जरुरत पड़ती है|

न्याय प्रशासन : परिभाषा, प्रकार एंव दण्ड के सिद्धान्त

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *