इस आलेख में संविधान के अनुच्छेद 129 एंव 215 के तहत अभिलेख न्यायालय किसे तथा क्यों माना गया है? और अभिलेख न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालय में क्या अन्तर के बारें में बताया गया है|
अभिलेख न्यायालय | Court of Record
संविधान के अनुच्छेद 129 के अन्तर्गत उच्चतम न्यायालय को एवं संविधान के अनुच्छेद 215 के अन्तर्गत उच्च न्यायालय को अभिलेख-न्यायालय घोषित किया गया है तथा इन न्यायालयों को अपने अवमान के लिए दण्ड देने की शक्ति सहित अन्य शक्तियाँ भी दी गई है।
अभिलेख न्यायालय की विशेषताए
अभिलेख-न्यायालय में निम्नलिखित विशेषताए होती हैं –
(i) इसके निर्णय एवं कार्यवाहियाँ लिखित में होती हैं और
(ii) इनके निर्णय एवं कार्यवाहियों को हमेशा के लिए सुरक्षित रखा जाता है
(iii) इनके निर्णय एवं कार्यवाहियों को पूर्व निर्णय के रूप में काम में लिया जाता है, तथा
(iv) इन न्यायालयों को अपने अवमान के लिए दण्ड देने की शक्तियाँ प्राप्त होती हैं।
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अभिलेख न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालय में अन्तर
अभिलेख न्यायालय एक संवैधानिक सृजन है। संविधान के अनुच्छेद 129 एवं 215 में क्रमशः उच्च्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय को अभिलेख-न्यायालय घोषित किया गया है। इनके निर्णय एवं कार्यवाहियाँ लिखित में होती हैं तथा इनका पूर्व निर्णय के रूप में उपयोग किया जाता है।
जबकि अधीनस्थ न्यायालय उच्च न्यायालय के अधीनस्थ होते हैं तथा इनके निर्णय पूर्व निर्णय नहीं होते।
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