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अपकृत्य के उपचार : न्यायिक एंव न्यायेत्तर उपचार | Remedies under Law of Torts

परिचय – अपकृत्य के उपचार

जैसा की हम जानते है टोर्ट शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ है- मुड़ा हुआ टेडा-मेडा, जिसे रोमन में Delict भी कहा जाता है| सामंड ने अपकृत्य को एक सिविल दोष माना है, तो वही फ्रेजर ने अपकृत्य को किसी व्यक्ति के विधिक अधिकारों का उल्लंघन माना है|

विनफील्ड के अनुसार विधि द्वारा सुनिश्चित किये गए विधिक कर्त्तव्य के उल्लंघन से अपकृत्य का दयित्व उत्पन्न होता है और यह नागरिकों के प्रति होता है तथा इसका उपचार नुकसानी के लिए कार्यवाही द्वारा किया जाता है|

सामान्यत विधि के अधीन व्यक्ति को अनेक प्रकार के विधिक अधिकार दिये गए है, विधिक कर्त्तव्य एंव दायित्व सभी व्यक्तियों के प्रति होते है और इसके साथ ही इनके सरंक्षण के लिए उपचार भी दिए गए है| इसलिए यह विधि का एक सुस्थापित सिद्धान्त बन गया है कि, जहाँ अधिकार है, वहाँ उपचार भी है|

अपकृत्य के उपचार | Remedies under Law of Torts in India

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