उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय
भारतीय संविधान ने भारत में न्यायिक निकायों के रूप में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय की स्थापना की है। भारत का सर्वोच्च न्यायालय देश में सर्वोच्च प्राधिकार रखता है और अपील की अंतिम अदालत के रूप में कार्य करता है।
दूसरी ओर, उच्च न्यायालय प्रत्येक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के लिए मुख्य न्यायिक निकाय के रूप में कार्य करता है। अब, आइए सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के बीच असमानताओं पर गौर करें।
उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में अन्तर
संविधान के अनुच्छेद 214 के अन्तर्गत प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय एवं अनुच्छेद 124 के अन्तर्गत भारत के लिए एक उच्चतम न्यायालय के गठन की व्यवस्था की गई है।
उच्चतम न्यायालय सर्वोच्च अर्थात् शीर्षस्थ न्यायालय है जबकि उच्चे न्यायालय राज्य का शीर्षस्थ न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय का अधीनस्थ न्यायालय होता है।
उच्चतम न्यायालय को उच्च न्यायालय के आदेशों, निर्णयों आदि की अपीलों की सुनवाई करने की अधिकारिता होती है जबकि उच्च न्यायालय को अपने अधीनस्थ न्यायालयों की अपीलों की सुनवाई की अधिकारिता होती है।
उच्चतम न्यायालय को मूल अधिकारों के प्रवर्तन के लिए रिट जारी करने की अधीकारिता है जबकि उच्च न्यायालय द्वारा अन्य प्रयोजनों के लिए भी रिट जारी की जा सकती है।
उच्चतम न्यायालग्न के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है जबकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष है।
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